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राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की शहादत दिवस सह पूण्य तिथि मनाया गया, उनके आदर्शो,सिद्धांतों व बताये मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी

नवादा से डी के अकेला की रिपोर्ट


बापू उच्च विद्यालय पाण्डेय गंगौट में इप्टा के द्वारा राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की शहादत दिवस सह पूण्य तिथि बड़े सादगी से मनाया गया। सर्वप्रथम राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर उपस्थित लोगों द्वारा श्राद्धपूर्वक माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता इप्टा के जिला

अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया और मंच का संचालन इप्टा के उपाध्यक्ष अशोक समदर्शी ने किया। मीडिया का कार्यभार सम्भु विश्वकर्मा ने सम्भाला। मंचासीन थे ग्राम निर्माण मण्डल सेखोदेवरा के प्रधान मंत्री-अरबिंद कुमार,इप्टा के जिला अधयक्ष-नरेंद्र प्रसाद सिंह, इप्टा के सचिव -शम्भु विश्वकर्मा, वरिष्ट नागरिक संघ के ललित किशोर शर्मा,हिंदी साहित्य के प्रखर विद्वजन डॉ ओंकार निराला,चर्चित समाज सेवी वीणा कुमारी मिश्रा, महिला हेल्प लाईन के रानी कुमारी व समाजिक कार्यकर्ता लाटो सिंह।
कार्यक्रम की शुरुआत बापू उच्च विद्यालय के छात्राओं द्वारा स्वागत गान से हुआ। इसके बाद इप्टा के सांस्कृतिक कर्मी की ओर से लोक गीत ‘लेके नगाड़ा इप्टा उतरा मैदान में ‘ प्रस्तुत किया गया। मंच संचालक अशोक शमदर्शी ने विषय प्रवेश के दौरान राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की सादगी जीवन शैली,उनके कृत्रित्व व स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय भूमिका पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
प्रथम वक्ता के बतौर इप्टा के सचिव शम्भु विश्वकर्मा ने उनके सिद्धांतों , विचारों व कर्मों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गाँधी जी वैरिस्टर की नौकरी छोड़ स्वतन्त्रता आंदोलन की लड़ाई में कूद पड़े। नमक पर अंग्रेजों द्वारा लगाये गए टैक्स के विरोध में पश्चिम चंपारण में नमक सत्याग्रह शुरू कर दिया। डी के अकेला ने कहा कि सत्य,अहिंसा व प्रेम-सद्भाव का सिर्फ अपने देश ही नहीं,बल्कि दुनिया में संदेश देने वाले राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की गोली मारकर हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा कर दी गई। आज उनका शहादत दिवस सह पूण्य तिथि है। गोडसे ने गाँधी जी की हत्या की पर उनके विचार आज भी जिन्दा है। डॉ ओंकार निराला और ललित किशोऱ शर्मा ने गाँधी जी के प्रति कविता प्रस्तुत किया। वीणा कुमारी मिश्रा व रानी कुमारी ने गाँधी जी के प्रति अपना उद्गगार प्रकट किया। वे महान व कर्तव्यनिष्ट थे।
इप्टा के कलाकारों ने नरेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा रचित लोकगीत प्रस्तुत किया। साथ ही सर्वविदित कवि ,साहित्यकार व अर्जक संघ के राष्ट्रिय महासचिव उमाकांत राही और शिक्षक सह सांस्कृतिक कर्मी प्रवेश सिंह के आकस्मिक निधन पर 2 मिनट मौन धारण कर श्रद्धा जली अर्पित की गई ।अंत में मंच के संचालक समेत तमाम उपस्थित लोगों ने रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम जैसी प्रार्थना गाया। इसके बाद इप्टा के अध्यक्ष व उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नरेंद्र प्रसाद सिंह ने उक्त कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।