अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर बौद्धिक विचार मंच ने अपने कार्यालय इंद्रमणि भवन बस स्टैंड नवीनगर में झंडोतोलन कर देश के आज़ादी में शहीद महापुरुषों को याद किया।बौद्धिक विचार मंच के अध्यक्ष अखिलेश्वर सिंह ने










बताया कि हमलोगो को आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिला और 26 जनवरी 1950 को कानून लागू कर झंडा फहरा कर गणतंत्र दिवस मनाया गया था लेकिन आज भी हमे पूर्ण आज़ादी नहीं मिली है आज भी शासक और शोसक वही बात लागू है। वहीं बौद्धिक विचार मंच के सचिव डॉo शारदा शर्मा ने कहा कि 1947 के आज़ादी के बाद और गणतंत्र दिवस के 76 वां वर्षगांठ मना रहे हैं लेकिन आज भी लोग अपने मौलिक अधिकार से वंचित हैं और सच कहूं तो आज़ादी कुछ लोग तक ही सीमित है बाकी लोग तो आज भी गुलामी महसूस कर रहे है सिर्फ गुलामी का तरीका बदला हुआ है। शहीदे आज़म भगत सिंह ने कहा था कि मैं जो शहीद हो रहा हूं यह व्यर्थ न जाने पाए इसका लाभ सभी को मिलना चाहिए अन्यथा ऐसा न हो कि कुछ लोगों को ही आज़ादी मिले? जिससे कि मेरा कुर्बानी व्यर्थ हो। डॉo शर्मा ने सभी शाहिद महापुरषों के कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि उन्हें स्मरण करते हुए पदचिन्हों पर चले तथा उनके कुर्बानी को व्यर्थ न जाने दे। वहीं कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के बच्चियों ने संगीत के माध्यम से बीर शहीदों के कुर्बानियों को याद किया।झंडोतोलन के समय राम जन्म सिंह,मुस्ताक अहमद, डॉo मुबारक हुसैन,सुनील चंद्रबंसी, मोo रफिक, अग्रवाल जी ईत्यादि लोग उपस्थित थे।