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बिहार माँगे,यू.पी. मॉडल

सुनील कुमार सिंह, उप संपादक, खबर सुप्रभात समाचार सेवा

किसी भी राज्य का विकास तभी हो सकता है जब अपराधियों में पुलिस एवं शासन का भय एवं शांति की व्यवस्था कायम हो। जब स्वस्थ्य मानव बल, स्वस्थ्य मानसिकता के साथ उत्पादन के संसाधनों का राज्य हीत में सही उपयोग करेगा तो तरक्की कदम चुननें को तैयार दिखती है। लेकिन अफसोस तो तब होता है जब पुरे विश्व को

सुनील कुमार सिंह, उप संपादक,
खबर सुप्रभात समाचार सेवा

लोकतंत्र एवं शांति का संदेश देनें वाला बिहार में नारी एवं व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं। नतीजन बड़े -बड़े उद्योगपति बिहार में अपना उद्योग लगानें से गुरेज करते हैं। नारी की ईज्जत आवरू रोज तार – त्तार होती दिखती है। विकास का प्रर्याय बनें नितीस कुमार क्या बिहार के पुलिस को अपराध के खिलाफ यू.पी. मॉड़ल नहीं बना सकते हैं ? आज पुछता है बिहार । जबतक उत्तर प्रदेश की पुलिस की तरह बिहार की पुलिस अधिकारियों को ताकत एवं हिम्मत तथा अपराधियों के खिलाफ खुली छुट नहीं मिलेगी, तबतक बिहार मॉडल राज्य नहीं बन सकता । तभी तो समाज के बुद्धिजिवियों नें अपराधियों के साथ यू.पी. पुलिस जैसा बिहार पुलिस को त्वरीत न्याय दिलाने में आगे आनें की कामना पाल रखी है। तभी तो गोस्वामी तुलसी दास जी नें भी रामचरित मानस में ऐसा कहा है – -” विनय न मानत विरद जड़, गये तीन दिन बित । बोले राम सकोप तब, बिनु भय होहु न प्रित ।। “