आलोक कुमार, संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात समाचार सेवा
मंगलवार का दिन औरंगाबाद मुख्यालय के लिए बेहद शर्मशार करने वाला रहा । माली थानाक्षेत्र के खम्भा गाँव के एक नावालिग बच्ची का दुश्कर्म के उपरांत गला दबाकर हत्या के मामला को परिजन नें शव को रमेश चौक पर रखकर न्याय की गुहार लगायी । पिड़ित के परिजन के द्वारा औरंगाबाद पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन एवं बिहार
सरकार के मुखिया के विरोध में औरंगाबाद के हृदयस्थली एवं सवसे व्यस्तम चौराहा रमेश चौक को घंटो जाम कर नारेवाजी कर न्याय की फरियाद करते रहे । परिजनों का यह व्यान मिड़िया के कैमरे में कैद हो गया कि मृतिका बच्ची की हत्या बलात्कार करनें के उपरांत गला दबाकर की गयी है। हलांकी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर – (1 ) का यह व्यान कि मृतीका की मौत एक गंभीर बीमारी से हुई है, सवाल के घेरे में आता है ? एक ओर परिजनों के द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में बच्ची की हत्या बलात्कार के बाद गला दवाकर की जानें की बात कही गयी है। बच्ची की हत्या का कारण चाहे चाहे बलात्कार के बाद गला दबाकर किया गया हो, या फिर गंभीर बिमारी रहा हो । इसका खुलासा तो पोस्टमार्टम रिर्पोट आनें के बाद ही होगा। लेकिन डॉक्टरों के द्वारा पोस्टमार्टम रिर्पोट आने से पूर्व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर – ( 1 ) का परिजनों द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी से अलग हट कर मृतिका के मौत का कारण गंभीर बिमारी का होना बताया जाना सबालों के घेरे में आता दिख रहा है। जिले के न्याय पसंद जनता की अंगुलियाँ ऐसे जिम्मेवार पदाधिकारी के विरोधात्मक व्यान पर उठनें लगी है। सनद हो कि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर – (1 ) का विरोधात्मक व्यान आज से कुछ माह पूर्व भी नवीनगर के स्कुल छात्रा श्रेया की मौत में भी आ चुकी है जो कि जिले में पुलिस पदाधिकारी की न्याय प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करनें के लिए काफी है। श्रेया की हत्या में भी परिजनों के द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में बलात्कार के बाद हत्या कर चेहरे को तेजाब से जलाकर लाश सोन नदी में फेंक देनें की बात कही गयी थी। लेकिन अनुमंड़ल पुलिस पदाधिकारी सदर – (1 ) के द्वारा श्रेया के परिजन के द्वारा दर्ज प्राथमिकी से अलग हटकर यह कहा जाना कि मृतिका श्रेया नें नदी में कुदकर आत्म हत्या की है, यह हत्या, बलात्कार का केश नहीं है। लेकिन जब जन आंदोलन तेज हुआ तो पुलिस नें श्रेया के शव को बरामद कर बैज्ञानिक पद्धति से मेडिकल जाँच करायी तो मामला का सच सावित हो गया कि मृतिका की हत्या से पूर्व बलात्कार किया गया था एवं साक्ष्य छुपानें के उद्देश्य से मृतिका का चेहरा तेजाब से जलाकर शव को सोन नद में फेंक दिया गया था। श्रेया हत्याकांड में गिरफ्तार नवीनगर के नामचीन व्यावसायी पुत्र अपराधियों नें न्यायालय के समक्ष अपना अपराध कबूलनामा में इस बात का ही खुलासा किया था कि श्रेया का अपहरण कर बलात्कार को अंजाम देनें के बाद हत्या करनें के बाद साक्ष्य छुपानें के उदेश्य से चेहरे को तेजाब से जलानें के बाद सोन नद में फेक दिया गया था जहाँ से पुलिस नें बरामद किया । ऐसे में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर – (1 ) के द्वारा दोनों ही कोड़ों में दर्ज प्राथमिकी से हटकर मौत का कारण अलग बताया जाने के पिछे आखिर कारण क्या हो सकता है ? आज पुछता है भारत । पुछती है, औरंगाबाद की न्याय की फरियाद करती जनता ।