अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात समाचार सेवा
अम्बा थाना क्षेत्र के परता निवासी आलोक कुमार ने सूचना अधिकार कानून के तहत अम्बा थानाध्यक्ष से जानकारी मांगा है। इसके अलावे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर औरंगाबाद व अन्य कई विभाग के अधिकारियों से भी आरटीआई के तहत सूचना उपलब्ध कराने की मांग किया है। अम्बा थाना अध्यक्ष से सूचना के मांग किया है कि अम्बा
थाना कांड संख्या 32/24 दिनांक 15/2/24 मामले में आरोपितों के घर यदि छापेमारी और सर्च किया गया तो छापेमारी और सर्च करने के पहले और बाद में पुलिस द्वारा क्या प्रक्रिया अपनाया गया था। छापेमारी और सर्च में कितने पुलिस के जवान शामिल थे? इस संबंध में आलोक ने कहा कि अम्बा पुलिस दलालों के गिरफ्त में हैं और इसकी खुलासा उच्चस्तरीय जांच से हो जाएगा। दलालों के इशारे पर कभी और किसी के विरुद्ध फर्जी मुकदमा भी दर्ज हो जाएगा और थाना में बैठकर दलालों के इशारे पर अनुसंधान भी हो जाएगा। अम्बा थाना का यह कोई एक मामला नहीं बल्कि यदि पारदर्शिता पूर्ण उच्चस्तरीय जांच हो तो कई वैसे मामले प्रकाश में आएगा। यहां कानून का नजर अंदाज कर दोषियों को बचाने और निर्दोषों को फंसाने का खेल दलालों और सफेदपोशों के इसारे पर वर्षों से फल फूल रहा है। कुछ मामले में तो बिहार मानवाधिकार आयोग में सुनवाई भी चल रहा है।इसी तरह आलोक ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर औरंगाबाद से आरटीआई के तहत सूचना का मांग किया है कि मेरे द्वारा 21/2/2024 को निबंधीत डाक द्वारा भेजे गए आवेदन के आलोक में अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराया जाये। आलोक ने आगे बताया कि एक तरफ़ औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक द्वारा गुड़ पुलिसिंग स्थापित करने का प्रयास के तहत अपने अधिनस्थ पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा अनैतिक रूप से अत्यधिक धनोपार्जन के उद्देश्य से गुड़ पुलिसिंग का हवा निकाल रहे हैं और औरंगाबाद पुलिस आपकी सेवा के स्लोगन को तार तार कर रहे हैं। यही नहीं यदि गुप्त एवं खुला उच्चस्तरीय जांच हो तो अम्बा थाना से बालू व शराब माफियाओं तथ ओवर लोडिंग परिवहन के माफियाओं से भी संबंध है जो आम अवाम व राज्य हित में गंभीर चिंता का विषय है।