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बिहार केशरी डा०श्रीकृष्ण सिंह का जयंती संपन्न, तेज धूप और गर्मी से नहीं रहा उपेक्षित भींड, मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि भी नहीं पहुंचे जयंती समारोह में

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिला मुख्यालय स्थित डा० श्रीकृष्ण सिंह स्मारक परिसर में बिहार केशरी व बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ० श्रीकृष्ण सिंह का 137 वां जयंती मनाया गया। जयंती समारोह का अध्यक्षता लार्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल के निदेशक धनंजय शर्मा तथा संचालन सुनील शर्मा ने किया। इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद चंद्रवंशी, जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, लोजपा

(आर) के जिलाध्यक्ष सोनू सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुजन पाण्डेय, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष व जदयू नेता पंकज पासवान, कांग्रेस दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष उदय पासवान, भाजपा प्रदेश कार्य समिति के अध्यक्ष राकेश सिंह, नगर परिषद के अध्यक्ष उदय गुप्ता, भाजपा महिला मोर्चा के नेत्री अनिता सिंह शिक्षाविद शंभू पाण्डेय, अजय पाण्डेय सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे। लेकिन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला के प्रभारी मंत्री डॉ० संतोष कुमार सुमन व भाजपा के पूर्व स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह, , श्री दाण्डी स्वामी अनन्तानंद भी आशीर्वचन करने नहीं पहुंचे।विधान पार्षद दिलीप सिंह एवं अनिल शर्मा का भी इंतजार होते रहा लेकिन वे भी नहीं पहुंचे।तेज धूप और गर्मी के वज़ह से जयंती समारोह में लोगों की उपस्थिति नहीं के बराबर रहा और पंडाल में लगे अधिकांश कुर्सियां खाली रहा। इस मौके पर पाराडाइज कोचिंग सेंटर के प्राचार्य कृष्ण कुमार ने बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह के जिवनी पर आधारित निम्नलिखित कविता का मंचन किया।  गहन तीमिर में ,सूर्य किरण बन ,
आलोकित अवलोकित करता ,
प्रगट हुआ नरकेशरी ,नहीं कहीं संहार किया।

चाहे हो उद्योग हमारा ,
    या हो शिक्षा का संसार
खेतों में किसान खड़ा हो
     या  व्यापारी का व्यापार
चेहरों पर मुस्कान दिया वह
    सबने जयजयकार किया।
नमन आज उनके चरणों में
    जिसने नया बिहार दिया।जो बिहार का लेनिन बनकर ,
   छुआछूत को दूर भगाया
गांधी के राहों पर चलकर
     सहजा को स्वीकार किया
नमन आज उनके चरणों में
     जिसने नया बिहार दिया ।देवघर में दलितों को लाया
     जमींदार को दूर भगाया।
देशप्रेम के खातिर उसने
   सबकुछ अपना वार दिया ।
नमन आज उनके चरणों में
     जिसने नया बिहार दिया।नमन आज उनके चरणों में ,
        जिसने नया बिहार दिया
जात पात से ऊपर उठकर ,
         दिनों का उद्धार किया ।शर्म करो तुम सत्ता वालों ,
      पुरखों का सम्मान करो ,
भारत मां के इस सपूत को भारत रत्न प्रदान करो ।
     रक्त बीज से जिसने सिंचा
    उसको कहां बिसार दिया ।
नमन आज उनके चरणों में
       जिसने नया बिहार दियासूरज जहां नहीं डूबता हो
उसको कौन भगाएगा
    शोषण,दोहन और गुलामी
आकर कौन मिटाएगा ?
   रौद्र रूप धारण करके
जब गोरा अत्याचार किया
    श्री कृष्ण ने वंशी लेकर
हरिहर घर अवतार लिया ।नमन आज उनके चरणों में जिसने नया बिहार दियापत्नी थी जब पड़ी हुई ,
     और अंतिम स्वासें गिन रहीं,
   गोरों की शर्तें ठुकराया ,
कारागृह स्वीकार किया ।
    नमन आज उनके चरणों में
जिसने नया बिहार दिया ।