केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात समाचार सेवा
सेवा में,
बिहार – सरकार के माननीय मुखिया नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री मंत्री,
बिहार – सरकार, पटना (बिहार)
द्वारा
श्रीमान जिला पदाधिकारी महोदय,
औरंगाबाद (बिहार)
विषय:- बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले का कुटुम्बा प्रखंड में बिहार सरकार के उद्देश्य को धरातल पर लाने तथा निर्वाधगति गति से अपराध एवं भ्रष्टाचार तथा रिश्वतखोरी का बढ़ते ग्राफ,व अन्य मामले की गहन जांच व समीक्षा शिकायत कर्ता की उपस्थिति में गोपनीय कर प्राप्त साक्ष्यों
आधार पर विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई करने, घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने हेतु आरोपितों को समुचित सजा दिलाने, सामाजिक कार्यकर्ताओं के जुबान को बंद करने के लिए सोशल एक्टिविस्ट एवं पत्रकारों के विरुद्ध लूट की मनसा से सरासर झूठा व मनगढ़ंत, गलत दर्ज मुकदमा की गहन जांच में समीक्षा कर गलत मुकदमे को वापस लेने की मांग के संबंध में।
महाशय,
बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड विधान सभा क्षेत्र सह कुटुम्बा के धरती पर आम जनता को लूटने के लिए एक अनोखी टीम गठित है जिसमें बिचौलिए की तौर पर असमाजिक तत्वों से जुड़े लोगों , क्षेत्रीय बाहुबलियों एवम् दबंग लोगों , एससी -एसटी परिवार के बहके ,मनबढ़ू युवक तथा कुछ पेशवर महिलाओं को शामिल किया गया है।
जनमानस को लूटने के उद्देश्यों से गठित उपरोक्त टीम तथा सरकार प्रायोजित विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की राशि को लूटने में सक्रिय भूमिका निभाते है और अनैतिक कार्यों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले पर “एक खड्यंत्र के तहत” एससी – एसटी एक्ट तथा महिला के साथ छेड़खानी जैसे मिथ्या आरोप तथा रंगदारी की मांग जैसे मिथ्या आरोप में मुकदमा दर्ज कराने में अहम भूमिका निभाते हैं। जिसकी सुनवाई अनैतिक रिश्वत राशि कमाने के उद्देश्यों से भटक चुके अधिकारियों द्वारा नहीं होता है और नहीं निष्पक्ष जांच हो पता है । अंतत: कर्तव्य निष्ठ सोशल एक्टिविस्ट एवं वरिष्ठ पत्रकारों को अनेकों वर्षों तक न्यायालय का चक्कर लगाना पड़ता है तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ता है, अनैतिक रूप से आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ता है ,ताकि गलत लोगों के विरुद्ध कोई आवाज उठाने का साहस जुटा नहीं पाए।
लूट के उद्देश्यों से गठित गिरोह पंचायत का विकास हेतू योजना मद में प्राप्त राशि, क्षेत्र के लिए सर्वांगीण विकास का हो रहे कार्य की राशि, सरकारी संपदा व वन संपदा की लूट में माफिया गिरोह के साथ अहम भूमिका निभाते हैं । फलस्वरूप योजना तथा पंचायत स्तर पर एक रुपए में 25 से 50% राशि की कार्य दिखाई देता है , शेष राशि को लूट लिया जाता है। मनरेगा में तो 100% तक की लूट सरेआम होता है।जिससे सरकार के उद्देश्य धरातल पर लगातार विफल साबित होते आ रहे हैं।
उपरोक्त हालत, बिहार – सरकार के उद्देश्यों को भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा देता है जिसे रोक पाना औरंगाबाद जिला के जिला स्तरीय वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस दाधिकारियों द्वारा ही संभव है। बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले में निर्वाधगति से अपराध व भ्रष्टाचार तथा रिश्वतखोरी का बढ़ते ग्राफ को रोकने में जिला स्तरीय वरीय प्रशासन व पुलिस पदाधिकारियों को आगे आना अति आवश्यक है तथा उपरोक्त संदर्भ में गोपनीय जनशिकायत को संग्रह कर गहन जांच व समीक्ष , जनहित व राज्यहित मे आरोपितों व इनके कुकृतियों मे शामिल लोगों के विरूद्ध करके दोषियों पर विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई ही बिहार सरकार के उद्देश्यों एवं योजनाओं को धरातल पर ला सकता है तथा बढ़ते रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार,अपराधिक गतिविधि व हिंसा पर नियंत्रण स्थापित कर सकता है। जो बिहार सरकार के उद्देश्यों को धरातल पर लाने के लिए आवश्यक है।
उपरोक्त सर्वेक्षण दैनिक शुभ भास्कर हिंदी दैनिक पीडीएफ समाचार के संपादक तथा उनके द्वारा गठित टीम के वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा वर्तमान हालात का सर्वेक्षण के आधार पर श्रीमान के समक्ष रखा गया है।
उपरोक्त संदर्भ में कहना है। श्रीमान द्वारा निर्देशित अधिकारी ,शिकायत कर्ता को फोन कर अपने दायित्व को इतिश्री कर देते है और आरोपितों द्वारा शिकायत कर्ता के विरुद्ध दुष्प्रचार किया जाता है, कि बड़का पत्रकार द्वारा शिकायत किया गया था, क्या हुआ ! जिसको जितना शिकायत करना है कर लें, कुछ भी होने वाला नहीं हैं। सरकार भ्रष्ट है तो हम लोगों के सामने मजबूरियां हैं हम लोग पैसा कहां से देंगे, एक पंचायत के जगह चार पंचायत एक ही कर्मचारी को दिया गया है जिसका कार्य करना संभव नहीं है। अनेकों पंचायत के लिए हमको किसी से काम लेना होगा तो उसका वेतन भी देना ही पड़ेगा अगर वेतन की की एवज में जनता से सहयोग लिया जाता तो वह मानवीय स्तर पर चल सकता है लेकिन दाखिल खारिज पर ₹3000 से ₹50,000 तक की रिश्वत राशि , आय आवासीय जाती पर मनमानी तरीकों से इनकम को शो करना,इसके एवज में रिश्वत लेना, दक्षिण खारिज और प्रमार्जन में तथा अपने जमीन जयजाद की जानकारी के लिए अनैतिक रूप से मुंह मांगी रिश्वत राशि की वसूली निर्वाधगति से करना, उद्देश्यों के विपरीत अनैतिक रूप से रिश्वत राशि को वसूली को प्रशिक्षित करता है। जो गैरकानूनी हैं।
अत: जन शिकायत की जांच के नाम पर इतिश्री की परिपार्टी को समाप्त कर अपने अधीनस्थ मामले की गहन जांच और समीक्षा उच्च स्तरीय जांच टीम गठित कर मामले की जांच कर्तव्यनिष्ठ सोशल एक्टिविस्ट एवं पत्रकारों के बीच कराने की कृपा प्रदान की जायें तथा जांचोंपरान्त साक्ष्यों के आधार पर तथा जन शिकायत के आधार पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने हेतु समुचित सजा दिलाने की कृपा प्रदान की जाए तथा भारतीय प्राधिक गतिविधियों व अहिंसा तथा भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए औरंगाबाद जिले के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया जाए कि बिहार -सरकार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के उद्देश्यों को धरातल पर लाने के लिए कर्तव्यनिष्ठ सोशल एक्टिविस्ट एवं पत्रकारों से गोपनीय सूचना को संग्रह करते हुए बिहार सरकार के उद्देश्य को धरातल पर लाने की कार्रवाई करने किया जाए इस कृपया कार्य के लिए भवदीय तथा इनके टीम का सोशल एक्टिविस्ट एवं पत्रकार श्रीमान का भारी रहेंगे।
भवदीय
अनिल कुमार मिश्र,
सोशल एक्टिविस्ट सह वरिष्ठ पत्रकार
औरंगाबाद (बिहार)
संपादक
दैनिक शुभ भास्कर
बिहार – झारखंड प्रदेश।