तजा खबर

राष्ट्र निर्माण में शिक्षा के साथ – साथ बच्चों का संस्कार जरूरी : जितेन्द्र


मदनपुर से सुनील सिंह की रिपोर्ट


संघ की आनुषांगिक ईकाई एकल विद्यालय की मासिक बैठक मदनपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित घर्मशाला के सभा कक्ष में आयोजित की गयी। उक्त बैठक में मदनपुर संच की सभी आचार्या के साथ-साथ नूतन आयार्यांओं नें भी हिस्सा लिया। बैठक को अपने संवोधन में विश्व हिन्दू परिषद् के

आजिवन हितचिंतक जितेन्द सिंह नें कहा कि ” वर्तमान दौर में बच्चों को शिक्षण के साथ-साथ संस्कारवान करना जरूरी है। विना संस्कार के शिक्षा किसी भी राष्ट्र को उच्चतम शिखर पर नहीं ले जा सकता है। अंग्रेजी शिक्षा से देश के युवाओं का मानसिक स्तर निम्न एवं कुषित हो चुका है। आये दिन चोरी, हत्या, बलात्कार, घुसखोरी, जातिय विवाद की घटनाऐं घटित हो रही है। राम एवं कृष्ण हमारे आदर्श हैं। आज हर बालक में राम एवं कृष्ण के चरित्र को गढ़ना होगा। तभी भारत एक बार फिर विश्व गुरु बन सकता है। इस काम में एकल विद्यालय मिल का पत्थर साबित होता दिख रहाहै। ” वहीं विहीप के प्रखंड अध्यक्ष गोपाल सिंह नें अपने संवोधन में कहा कि सनातन की रक्षा संस्कार से ही संभव है। भारत माता के सेवा एवं सर्मपण की भावना से ही हमारा राष्ट्र समृद्धहोगा। ज्ञानदत्त पाठक नें कहा कि संस्कृत और संस्कृति राष्ट्र की निर्मात्री है। बंगला देश की हातात से हमें सिख लेने की जरूरत है। हम ‘ सर्वे भवन्तुः सुखिन ‘ के आदर्श को मानने वाले लोग हैं। हमारे डीएनए में ही राम एवं कृष्ण हैं। वहीं अनिल सिंह नें कहा कि एकल विद्यालय सुदूर क्षेत्रों में भी अभिवंचित बच्चों के बिच शिक्षा का दीप प्रज्ज्वलीत कर रहा है । बैठक में आचार्या विन्दु कुमारी, रानी कुमारी, करिश्मा कुमारी, अनुराधा देवी, द्रौपदी देवी, अनु कुमारी, सुनीता कुमारी, नीराकुमारी, सविता देवी, किरण देवी सहित सभी आचार्या अपस्थित थें।