औरंगाबाद से अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद सदर अस्पताल का मोडर्न हास्पिटल का दर्जा प्राप्त है। लेकिन स्थिति यह है कि रोगियों को कुछ मामुली जिवन रक्षक दवाइयां तो यहां मिल जाया करता है शेष दवाईयां बाहर से ही लेना पड़ता है। ऐसे में जो रोगी सक्षम हैं वे तो बाहर से दवा खरीद कर अपना जान बचा रहे हैं लेकिन
जो रोगी बाहर से दवा खरीदने में सक्षम नहीं है वैसे लोगों के सामने गंभीर समस्या खड़ा हो जाया करता है। जहां तक हेल्थ कार्ड का सवाल है तो जिले में अधिकांश लोगों के पास हेल्थ कार्ड नहीं है। हेल्थ कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड की आवश्यकता होती है। लेकिन राशन कार्ड गरीबों को नहीं बन पा रहा है। राशन कार्ड के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर काटते लोग थक जा रहे हैं लेकिन राशन कार्ड नहीं बन रहा है। और जब राशन कार्ड नहीं तो हेल्थ कार्ड नहीं। ऐसे में गरीब रोगियों को जान बचाना चुनौती भरे कार्य साबित हो रहा है।