मदनपुर से सुनील सिंह की रिपोर्ट
बुजुगों नें कहा है कि जल, जमीन, जंगल और जवानी बचाने का मोल है। लेकिन इनदिनों मदनपुर का युवा और बालपन पूर्ण रूपेण नशे की गिरफ्त में आ चुका है। नतीजन मदनपुर का भावी पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है। युवा शाम ढलते ही शराव की चक्कर में मिढईया, नोनिया डीह, पनवारा, भीतर दोकरी, नहर पार, उमगा कोलोनी में जाकर शराब पीते बड़ी संख्या में रोज दिख जाते हैं। तो वही किशोर सिगरेट में भरकर एवं चिलम के सहारे गाँजा का घुँआ से आसमान की ऊँच्चाई को नापते दिख जाते हैं। शाम पाँच बजे से रात्री नौ बजे तक गाँजा पीनें के लिए जमावड़ा मदनपुर के कांजी हाउस गली, सूर्य मंदिर तालाव, रिवरियांवामोड़, मनुघाट पर लगनें लगती है। दस वर्ष से 15 वर्ष तक के बालक दिन भर कबाड़ा चुनकर विक्री कर सेलभोन, क्वीक फिक्स, पंचर साटने वाला सुलेसन खरीदकर प्लास्टिक की पन्नी में निकालकर सुँघकर एव चाटकर वेहोसी की हालत में रात्री होते ही सड़क किनारे घुमते दर्जनों की संख्या में रोज देखे जाते हैं। ऐसे में मदनपुर के युवा पिढ़ी का भविष्य कैसे संवरेगा यह सवासिया निशान खड़ा हो चुका हैं ?