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नामांकन रद्द होने की संभावना या भाजपा का भय सता रहा भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह को? एनडीए प्रत्याशी एक बड़ा हिंदी न्यूज चैनल को दिए गए साक्षात्कार में नामांकन रद्द होने का आशंका ब्यक्त किए थे।

काराकाट / औरंगाबाद ख़बर सुप्रभात समाचार सेवा

बिहार में काराकाट से लोकसभा चुनाव लड रहे भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह के मां प्रतिमा देवी भी नामांकन के अंतिम दिन मंगलवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में काराकाट संसदीय क्षेत्र से नामजदगी का पर्चा दाखिल कर दी है। इसके पूर्व 9 अप्रैल को पवन सिंह अपना नामजदगी का पर्चा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भरे थे। वैसे तो पवन सिंह को चुनाव मैदान में ताल ठोकने के बाद काराकाट भी हांटसीट बन गया है। लेकिन नामांकन के अंतिम दिन

उनके मां प्रतिमा सिंह को नामांकन का पर्चा दाखिल करते ही अफवाहों तथा अटकलों का दौर शुरू हुआ और तरह तरह का चर्चा पुरे देश में होने लगा। कोई नामांकन रद्द होने का आशंका के मद्देनजर तो कोई भाजपा से पवन सिंह को नामांकन वापस लेने के दबाव के मद्देनजर प्रतिमा सिंह से नामांकन कराने का चर्चा करते सुना जा रहा है। हालाकि पवन सिंह ने कई बार आम मतदाताओं और जनता के बीच नामांकन किसी भी सूरत में वापस नहीं लेने का एलान कर चुके हैं। उन्होंने यह भी दुहराते रहे हैं कि मां ने आशिर्वाद देकर चुनाव मैदान में भेजी है तो फिर नामांकन वापस लेने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है।दुसरी अफवाह यह भी है कि पवन सिंह को यह भय सता रहा है कि उनका नामांकन कहीं रद्द न हो जाए इसलिए पवन सिंह अपने मां प्रतिमा सिंह का नामांकन कराया है। वैसे एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा ने भी बीबीसी हिंदी सेवा को एक साक्षात्कार के क्रम में पवन सिंह का नामांकन रद्द होने की संभावना ब्यक्त किये थे। एनडीए प्रत्याशी द्वारा संभावना ब्यक्त करना निश्चित रूप से पवन सिंह को एक चुनावी षड्यंत्र का खतरा महसूस हुआ होगा और तब वे अपने मां प्रतिमा सिंह को चुनाव मैदान में उतारने का  फैसला लेने के लिए बाध्य होना पड़ा होगा। अब सवाल यह उठता है कि एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा एक बड़े हिंदी न्यूज चैनल को साक्षात्कार के क्रम में आख़िर नामांकन रद्द होने की संभावना ब्यक्त करना किस ओर संकेत दे रहा है यह भी गौर करने का विषय है।