आलोक कुमार निदेशक सह संपादक खबर सुप्रभात समाचार सेवा
भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के उद्देश्य से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गैर भाजपा दलों को लेकर एक मजबूत गठबंधन बनाने का कवायद शुरू किये थे। इसमें नीतीश कुमार बहुमत हद तक सफलता की ओर बढ़ते दिखाई भी दे रहे थे और कांग्रेस,बामल सहित कई प्रमुख दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन का बुनियाद रखा। लेकिन लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते गया इंडिया गठबंधन तास के पत्ता के तरह
बिखरने लगा। पहले तो जो बिपक्ष को भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के उद्देश्य से एकजुट करने में लगे नीतीश कुमार स्वयं भाजपा के समक्ष दोनों हाथ उठाकर आत्मा समर्पण कर दिए और भाजपा के साथ मिलकर बिहार के पुनः मुख्यमंत्री बन गए और आज पीएम मोदी के साथ लोकसभा चुनाव में एक साथ होकर अपने ही बनाए इंडिया गठबंधन को चुनौती पेश कर रहे हैं। फिर बंगाल में ममता बनर्जी एकला चलो के राह पर है और बंगाल के सभी लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार का घोषणा करते हुए इंडिया गठबंधन को नींद हराम कर दी है। ऐसे में कांग्रेस अभी जहां बेवस दिख रहा है वहीं इंडिया गठबंधन अभी कोमा में दिखने लगा है। हला की कांग्रेस अभी भी इंडिया गठबंधन को मजबूत कर लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए को मात देने के लिए जंग – ए मैदान में है। कांग्रेस के वरीय नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि अंतिम क्षण तक कांग्रेस ममता बनर्जी से बातचीत कर इंडिया गठबंधन को मजबूत करने का प्रयास करेंगी।