अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
आज अंचल मुख्यालय परीसर अम्बा में ग्रीनफील्ड एक्होप्रेसवे के प्रभावित किसानों ने एक दिवसीय धरना दिया जिसकी अध्यक्षता कमला प्रसाद सिंह तथा मंच संचालन विकास सिंह ने किया।
ज्ञातब्य है कि भारतमाला परियोजना के तहत औरंगाबाद जिले के नबीनगर, कुटुम्बा, देव प्रखंड से होते हुए वाराणसी कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है जिसके लिये किसानों से जमीनें ली जा रही हैं।
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किसानों ने बताया कि यह धरना मुख्य रूप से किसान संघर्ष समिति का मालिक गैरमजरूआ बकाश्त संघ के द्वारा दिया गया जिसमें उचीत मुआवजा, मालिक गैरमजूरवा भूमि का रैतिकरण करना, भूमिहीन हो रहे किसानों की पुनर्वास व रोजगार , विस्थापित हो रहे दलित परिवारों का पुनर्वास रोजगार से लेकर उत्तर कोयल नहर, राइट बटाने नहर, सिंचाई आदि कई मुद्दों को किसानों ने उठाया। धरने में उपस्थित जिला परिषद प्रतिनिधि सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार दोनों सरकारें किसानों के साथ अन्याय कर रही हैं। उनहोंने बताया कि जब भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार दो हजार तेरह में मनमोहन सरकार नें कर दिया था तब केंद्र की सरकार किसानों को कत्ल करने वाली भूमि अधिग्रहण कानून 1956 एक्ट क्यों लगा रही है ? दूसरी तरफ भूमि की प्रकृति चयन करने करने का अधिकार बिहार सरकार का है। बहुत सारी ऐसी जमीनें जो बिहार सरकार के कानूनी मानक अनुसार आवासीय भूमि है उन्हें बिहार सरकार के कर्मचारी भीठ धनहर बना दे रहे हैं। आवासीय भूमि का कीमत मुआवजा आम जमीन से अधिक होता है। श्री सिंह नें राज्य सरकार से सवाल किया कि पैसा जब केंद्र सरकार को देना है तब राज्य सरकार के पेट में मरोड़े क्यों उठ रहा है? राज्य सरकार आवासीय भूमि को आवासीय क्यों नहीं कर रही है ?
धरने पर आए किसान, वशिष्ठ प्रसाद सिंह नें बताया कि बिहार सरकार तमाम तरह के आम और गैरमजूरवा भूमि का मुआवजा हड़प कर जाना चाहती है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि कोई ब्यक्ति यदि मालिक गैरमजूरवा भूमि का लगान तीस या तीस वर्षों से अधिक समय से लगान दे रहा है तब वह उस भूमि के मुआवजे का पूर्ण अधिकारी है, इसके बावजूद नीतीश कुमार नहीं चाहते कि मालिक गैरमजूरवा धारक किसानों को मुआवजा मिले।
धरने में आये बेढ़नी पंचायत के मुखिया सह राष्ट्रीय किसान मजदूर विकास मंच के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह नें उत्तर कोयल नहर तथा राइट बटाने नहर के मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि अभी जो उत्तर कोयल नहर का लीपापोती किया जा रहा है वह किसानों के साथ वोट लेने के लिये छलावा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर कोयल नहर के लिये जल संचय क्षेत्र झारखंड के लातेहार जिले में मंडल नामक जगह में बना है जिसे मंडल डैम के नाम से जाना जाता है। इस डैम में पानी रोकने के लिये आजतक डैम में फाटक नहीं लग सका है और ना अभी लगने की कोई उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जबतक डैम में फाटक नहीं लग जाता तबतक नहर में भर पेट पानी नहीं मिल सकता। श्री सिंह ने किसानों को सचेत करते हुए बताया कि जबतक टंकी नहीं बन जाता नलके में पानी नहीं आ सकता। धरने में महिलावों की भी बड़ी उपस्थिति रही। इस मौके पर आई महिला सुधा सुमन नें किसानों को ललकारते हुए कदम कदम पर महिलावों का साथ मिलेगा का पूर्ण आश्वासन दीं।
इस मौके पर चंद्रमोहन तिवारी, बिजेंद्र मेहता, नरेंद्र राय, रमाकांत पांडेय, योगेंद्र सिंह, लाला सिंह, ललन सिंह, सत्येंद्र सिंह, रविन्द्र सिंह, कमला प्रसाद सिंह, राजकुमार सिंह, उषा देवी, अनिता देवी, कलावती देवी, ललिता देवी, बलिराम सिंह, गुप्तेश्वर यादव, प्रभात तिवारी आदि सैकड़ों महिला पुरुष किसान उपस्थित थे।