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उत्साह एवं उत्सव के रूप में मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस भारतीय परम्पराओं का हिस्सा रहा है योग] जिसे आज वैश्विक पहचान मिली : जिला जज

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा



माननीय बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकर एवं माननीय उच्च न्यायालय, पटना के निर्देशानुसार अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस 2024 जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमान् जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा

प्राधिकार श्री अशोक राज के नेतृत्व में आज बृहत एवं भव्य रूप से जिला विधिक सेवा प्राधिकार अनतर्गत विधिक सेवा सदन में मनाया गया। साथ ही योग के प्रति जागरूक करते हुए प्रत्येक व्यक्ति एवं परिवार को योग करने के लिए प्रेरित किया। योग उत्सव कार्यक्रम का मुख्य आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार स्थित विधिक सेवा सदन में जिला जज के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसमें श्री सत्य भूषण आर्या प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्री पंकज मिश्रा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष प्रथम श्री धनन्जय कुमार सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री नितीश कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनन्जय कुमार मिश्रा श्री निशीत दयाल अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आनन्द भूषण श्री सौरभ सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री लक्ष्मीकान्त मिश्रा श्री शिव कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री उमेश प्रसाद श्री मनीष कुमार जायसवाल श्री पंकज पाण्डेय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री सुकुल राम सहित समस्त न्यायिक पदाधिकारीगण, सहित कर्मचारीगण तथा अन्य ने इसमें योग कर अपनी भागीदारी निभाई। उक्त आयोजित योग दिवस पर उपस्थित लोगों को प्रशिक्षित योग शिक्षक योगेन्द्र भूषण ने विभिन्न योग के आसनों का अभ्यास कराया। कार्यक्रम समापन के बाद उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए जिला जज ने योग के प्रति लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को योग को दिनचार्या में शामिल करना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि योग भारत में आदि काल से चला आ रहा है जिसका पहचान अब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहुॅच चुकी है,। योग भारतीय परम्पराओं तथा ऋषि मुनियों का आदिकाल से हिस्सा रहा है जो अब अपना वैश्विक पहचान बना चुका है। जिला जज द्वारा कहा गया कि मानव के सुखी और निरोगी जीवन के लिए इसके महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस घोषित किया है। अतः हम सभी को योग को प्रतिदिन अपने जीवन में आत्मसात करना बेहद ही जरूरी है योग सिर्फ न कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है साथ ही मनुष्य को कई मानसिक समस्याओं से निजात दिलाता है। योग का शाब्दिक अर्थ ही जोड़ होता है जिसका मतलब शरीर और एकाग्र मन जब आपस में जुड़ते हैं तो एक स्वस्थ्य एवं एकाग्रचित शरीर का निर्माण होता है जो सभी बीमारियों से दूर रखने में सहायक साबित होता है।
प्राधिकार के सचिव श्री सुकुल राम ने भी योग के महत्व को बताते हुए कहा कि अगर व्यक्ति योग को जीवन में आत्मसात करता है तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होता है और स्वस्थ्यचित व्यक्ति कई समस्याओं को अपने पास आने से रोक लेता है। अक्सर यह देखा गया है कि कई तरह के विधिक समस्याओं के पीछे मानसिक परेशानी रहती है जो योग से दूर से की जा सकती है अगर वह योग से जुड़ा होता तो वह मानसिक समस्या से दूर रहता तो उसके समक्ष विधिक समस्या भी नहीं होती इसलिए प्रत्येक मनुष्य की समस्याओं का निदान योग में निहित है बस इसे जानने और करने की जरूरत है। सचिव द्वारा बताया गया कि इस बार योग का थीम महिला सषक्तिकरण के लिए योग है।